बाज को तूफान की जानकारी उसके आने के पहले ही हो जाती है। बाज इससे बचने के लिए कुछ ऊंचाई तक उड़ता है और तूफानी हवा के आने का इंतजार करता है। जैसे-जैसे तूफान आता है, बाज अपने पंखों को फैला लेता है और हवा उसे तूफान के ऊपर उठा ले जाती है। तूफान जब नीचे की ओर गरज कर तबाही मचा रहा होता है, बाज उसके ऊपर आराम से उड़ता रहता है। बाज तूफान से बचने की कोशिश नहीं करता, बल्कि यह तूफान को खुद को ऊपर उठाने देता है। यह उन हवाओं से ऊपर उठता है, जो तूफान को अपने साथ लेकर आती हैं। इसी तरह जब जीवन के तूफान हमारे सामने आते हैं और हम उनका सामना करते हैं, तब हम ईश्वर पर गहरे विश्वास और अपने दिमाग के इस्तेमाल से इनके ऊपर उठ सकते हैं। हमें ईश्वर की शक्ति को तूफान से ऊपर उठाने में मदद करने देना चाहिए। ईश्वर हमें तूफान की उन हवाओं-जो हमारे जीवन में बीमारी, दुर्घटना, असफलता और उदासी लाती हैं-पर उड़ने में मदद करते हैं। ईश्वर पर आस्था के चलते हम इस तूफान से बच सकते हैं। याद रखें जीवन में विषमताएं नहीं, उनके साथ व्यवहार का तरीका ज्यादा महत्व रखता है।
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