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 हम जो सोचते हैं , वो बन जाते हैं.
 
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Main » 2012 » January » 05

एक लड़की पर अत्याचार तब से ही शुरू हो जाता है, जब वह गर्भ में पल रही होती है। कई बार उसे जन्म ही नहीं लेने दिया जाता, क्योंकि वह लड़की है। यदि उसका जन्म हो भी जाता है तो उसे हर तरह से भेदभाव व शोषण का शिकार बनाया जाता है। जैसे-लड़कों को अच्छे भोजन देना, लड़कियों को नहीं, लड़कों को खेलने, पढ़ने, जन्मदिन मनाने तक सब की आजादी मिलती है, लड़की को नहीं। इन सबसे वंचित कर उसे घरेलू काम करने के लिए कहा जाता है, बल्कि मजबूर किया जाता है। अगर कोई लड़की इसका विरोध करती है तो उसको मारा-पीटा जाता है, धमकाया जाता है। उसे तरह-तरह के बुरे शब्द जैस- कुलक्षणी, चरित्रहीन इत्यादि कह कर ताने दिये जाते हैं।

अगर उसकी शादी नहीं होती है तो भी उसे ही अपशब्द कहा जाता है। एक तो लोग खेलने-कूदने की उम्र में लड़की को घर सम्भालने की जिम्मेवारी देते है, उसकी शादी कर देते हैं। शादी होते ही उसे अधिक से अधिक दहेज पाने के लिए प्रताडि़त किया जाता है। घर के सारे काम करवाये जाते हैं, मारते-पीटते हैं सो अलग। दहेज न मिलने पर उसकी हत्या तक कर दी जाती है। मारने के लिए जिंदा जलाने ... Read more »
Views: 476 | Added by: manoj | Date: 05/01/2012 | Comments (0)


बीपीओ सेक्टर के साथ आर्थिक मजबूती की उड़ान भरती नई हिन्दुस्तानी पीढ़ी ने यह सफलता अंग्रेजी का दामन थाम कर पायी है और हाल ही में 
यूनाइटेड स्टेट्स से आयी एक रिपोर्ट ने इस तथ्य पर प्रामाणिकता की मुहर लगा दी है। ब्रिटिश भाषाविज्ञानी तथा द स्टोरी ऑफ इंग्लिश के लेखक डेविड क्रिस्टल ने अपने शोध में कहा है कि भारत अब विश्व का सबसे बड़ा अंग्रेजी बोलने वाला राष्ट्र बन चुका है और यूनाइटेड स्टेट्स तक इससे पिछड़ गया है। डेविड का अनुमान है कि भारत में अंग्रेजी बोलने वाली आबादी 350 मिलियन का आंकड़ा पार कर चुकी है और इनमें से अधिकांश के लिए यह दूसरी ... Read more »
Views: 403 | Added by: manoj | Date: 05/01/2012 | Comments (0)


बाज को तूफान की जानकारी उसके आने के पहले ही हो जाती है। बाज इससे बचने के लिए कुछ ऊंचाई तक उड़ता है और तूफानी हवा के आने का इंतजार करता है। जैसे-जैसे तूफान आता है, बाज अपने पंखों को फैला लेता है और हवा उसे तूफान के ऊपर उठा ले जाती है। तूफान जब नीचे की ओर गरज कर तबाही मचा रहा होता है, बाज उसके ऊपर आराम से उड़ता रहता है। बाज तूफान से बचने की कोशिश नहीं करता, बल्कि यह तूफान को खुद को ऊपर उठाने देता है। यह उन हवाओं से ऊपर उठता है, जो तूफान को अपने साथ लेकर आती हैं। इसी तरह जब जीवन के तूफान हमारे सामने आते हैं और हम उनका सामना करते हैं, तब हम ईश्वर पर गहरे विश्वास और अपने दिमाग के इस्तेमाल से इनके ऊपर उठ सकते हैं। हमें ईश्वर की शक्ति को तूफान से ऊपर उठाने में मदद करने देना चाहिए। ईश्वर हमें तूफान की उन हवाओं-जो हमारे जीवन में बीमारी, दुर्घटना, असफलता और उदासी लाती ... Read more »
Views: 403 | Added by: manoj | Date: 05/01/2012 | Comments (0)

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